घ)लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु। बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलभानु||
Uploaded bysandeep View Answer
ग) तुम्ह तौ कालु हाँक जनु लावा। बार बार मोहि लागि बोलावा||
(ख) कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा।
इस पूरे प्रसंग में व्यंग्य का अनूठा सौंदर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
पाठ के आधार पर तुलसी के भाषा सौंदर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए।
(ग) गाधिसू नु कह हृदय हसि मुनिहि हरियरे सूझ। अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ||
(ख) इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं|| देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना||
(क) बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी|| पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू। चहत उड़ावन फूँकि पहारू||
साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई?
बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही||भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही||सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा||मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर||
लक्ष्मण और परशुराम के संवाद का जो अंश आपको सबसे अच्छा लगा उसे अपने शब्दों में संवाद शैली में लिखिए।
परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुईं उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए।
परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए?