पाठ 13- मानवीय करुणा की दिव्या चमक - सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

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    आपके विचार से बुल्के ने भारत आने का मन क्यों बनाया होगा ? 

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    (ख) फ़ादर को याद करना एक उदास शांत संगीत को सुनने जैसा है।

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     आशय स्पष्ट कीजिए -

    (क) नम आँखों को गिनना स्याही फैलाना है।

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    फ़ादर बुल्के ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्तुत की है, कैसे?

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    लेखक ने फ़ादर बुल्के को 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' क्यों कहा है?

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    इस पाठ के आधार पर फ़ादर कामिल बुल्के की जो छवि उभरती है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

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    पाठ में आए उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे फ़ादर बुल्के का हिंदी प्रेम प्रकट होता है?

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    फ़ादर बुल्के भारतीय संस्कृति के एक अभिन्न अंग हैं, किस आधार पर ऐसा कहा गया है?

     

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    फ़ादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी क्यों लगती थी ?

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