'ज्ञानी' से कवयित्री का अभिप्राय है ?
Uploaded bysandeep View Answer
ईश्वर प्राप्ति के लिए बहुत से साधक हठयोग जैसी कठिन साधना भी करते हैं, लेकिन उससे भी लक्ष्य प्राप्ति नहीं होती। यह भाव किन पंक्तियों में व्यक्त हुआ है ?
बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललदय ने क्या उपाय सुझाया है?
भाव स्पष्ट कीजिए -(क) जेब टटोली कौड़ी न पाई।
(ख) खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,न खाकर बनेगा अंहकारी।
कवयित्री का 'घर जाने की चाह' से क्या तात्पर्य है?
कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों हो रहे हैं ?
'रस्सी' यहाँ पर किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है ?